स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, भारत सरकार ने समग्र शिक्षा और STARS प्रोजेक्ट की राज्य और केंद्रीय क्षेत्रों की समीक्षा बैठक आयोजित की है। बैठक की अध्यक्षता संजय कुमार, सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने की । बैठक की कार्यसूची राज्यों की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता में सुधार एवं समग्र शिक्षा और STARS प्रोजेक्ट हेतु पहली किश्त के प्रस्ताव पर चर्चा करना था ।
हिमाचल प्रदेश राज्य परियोजना निदेशक, राजेश शर्मा (IFS) ने बैठक में राज्य शिक्षा विभाग का प्रतिनिधित्व किया और समग्र शिक्षा एवं STARS प्रोजेक्ट के प्रत्येक आयाम के अंतर्गत राज्य द्वारा की गई प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया ।
संजय कुमार, सचिव, भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने STARS प्रोजेक्ट और समग्र शिक्षा के तहत शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के प्रगतिशील कार्य की सराहना की । उन्होंने भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन करने व अपने वित्त एवं प्रथम अनुदान राशि के प्रबंधन में अच्छे प्रदर्शन के लिए भी राज्य की सराहना की ।
सचिव, शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने हिमाचल प्रदेश के राज्य परियोजना निदेशक, राजेश शर्मा (IFS) को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सराहा । विभाग के प्रभारी का पद ग्रहण करने के बाद से इतने कम समय में उनके निर्देशन में समग्र शिक्षा और STARS प्रोजेक्ट द्वारा हासिल की गई प्रगति के लिए सचिव ने यह कहते हुए भी जोर दिया कि “जहां इच्छाशक्ति है वहां एक रास्ता है” ।
क्या है STARS परियोजना और इस का लक्ष्य?
STARS परियोजना, केंद्र सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाने की नई शिक्षा नीति की परिणीति को जांचने परखने और मजबूत बनाए जाने के लिए लक्षित की गई है। इसके अंतर्गत एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्थान के रूप में एक राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र पारख(PARAKH) की स्थापना की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन शिक्षा मंत्रालय के पास होगा STARS योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार ने 5717 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इस राशि में विश्व बैंक भी 3700 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान कर रहा है। इस योजना के अंतर्गत अध्ययन(teaching )अधिगम(learning )और परिणाम को मजबूत किया जाएगा यह योजना अभी भारत के पांच राज्यों में शुरू की गई है जिसमें हिमाचल प्रदेश भी एक है।