सुक्खू सरकार का 130000 कर्मचारियों को लोहड़ी का तोहफा

हिमाचल डेस्क– मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह ठाकुर का पुरानी पेंशन बहाली का फैसला चुनावी वयादे के अनुरूप अपनी पहली मंत्रीमंडल की बैठक में पूरा करना जहां हिमाचल की जनता के मन में उनकी सरकार के प्रति भरोसा पैदा करेगा वहीं 137 वर्ष पुरानी कांग्रेस को पुनः ऊर्जावान ,सक्रियशील करने व लोगों में मन में उसके प्रति भरोसा व उत्साह भरने और देश के एक कोने से दूसरे कोने तक कदमों से नापने , कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तापने और देशवासियों की नब्ज भापने की राहुल गांधी की भीष्म यात्रा में एक ठोस कदम साबित होगा । यूं तो पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय राजस्थान व अन्य कांग्रेसी सरकारों ने भी लिए हैं परंतु उन सरकारों को कुछ समय बाद चुनावों में जाना है इसलिए अन्य राजनीतिक दल इस तरह की घोषणा को सियासी शगुफा कह देते हैं और लोग भी सत्ता के अंतिम साल में लिए फैसलों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं लेकिन सुक्खू सरकार द्वारा अपनी पहली मंत्रिमंडल की बैठक में ही कांग्रेस पार्टी के वायदे के अनुरूप फैसला लेना कांग्रेस के प्रति लोगों के मन भरोसा बनाएगा।

130000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा

सुखविन्द्र सिंह ठाकुर की सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 130000 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।यद्यपि नई पेंशन स्कीम कई कर्मचारियों के लिए ज्यादा लाभप्रद है इस बात को ध्यान में रखते हुए सुक्खू की सरकार ने उनके लिए विकल्प दिए हैं जो कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम का चयन करना चाहता है वह पुरानी पेंशन को और जो नई पेंशन का चयन करता है उसको नई पेंशन स्कीम के तहत लाभ मिलेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस फैसले से जहां लाभार्थी कर्मचारियों में गजब का उत्साह व खुशी है वही आम जनता में सरकार के प्रति भरोसा जगा है। कई जगहों पर इन कर्मचारियों ने खुशी का इजहार पटाखे चला कर किया।

100000 युवाओं को सरकारी नौकरी व महिलाओं को 1500 रुपए देने के लिए दो सब- कमटियों का गठन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने प्रेसवार्ता में कहां के की ओपीएस के अलावा उनकी सरकार ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई 10 गरंटियों में से अन्य दो और पर भी काम करने के लिए दो कैबिनेट सब कमेटियों का गठन किया है एक सब कमेटी प्रोफेसर चंद्र कुमार की अध्यक्षता में बनी है और दूसरी हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में बनी है प्रोफेसर चंद्र कुमार की सब कमेटी धनीराम शांडिल, जगत सिंह नेगी व अनिरुद्ध सिंह के साथ मिलकर 100000 युवाओं को सरकार में नौकरी देने के बारे में पूरा ब्यौरा तैयार करके 13 फरवरी 2023 को कैबिनेट में रखेगी और हर्षवर्धन की सब कमेटी रोहित ठाकुर व जगत सिंह नेगी के साथ मिलकर महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए देने वाली योजना पर पूरा ब्यौरा तैयार करेगी और वह भी 13 फरवरी 2023 को अपनी रिपोर्ट कैबिनेट में पेश करेगी।

75000 करोड रुपए के कर्ज का दर्द

मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी प्रेस वार्ता शुरू करते हुए कहा की जयराम सरकार ने उन्हें 75000 करोड रुपए का कर्ज और इसके अतिरिक्त 11,000 करोड़ रुपए का एरियर देने की लायबिलिटी उनकी सरकार को दी है जो कुल मिलाकर 86000 करोड़ रुपए बनती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यह कैसी सरकार थी जो 5 साल कर्ज लेती रही और कुछ काम नहीं किया और अंत में चुनावी बेला में 900 संस्थान खोलने की घोषणा कर डाली अगर जयराम सरकार की इन घोषणाओं को भी पूरा करना है तो 5000 करोड़ रूपए अतिरिक्त चाहिए अगर इन तीनों लायबिलिटियों को मिलाकर देखें तो जयराम सरकार ने मेरी सरकार को विरासत के रूप में 91000 करोड का कर्ज दिया है इस जीर्ण आर्थिक स्थिति में भी कांग्रेस सरकार ने 136000 कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की है ।उन्होंने आगे कहा की प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे और जनता को इसमें हमारा सहयोग करना होगा।

कर्ज की आड़ में टैक्स लगाने की आहट

पूर्व में वीरभद्र सिंह व प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की सरकारें भी ऋण लेकर सरकारों का कामकाज वविकास कार्य करती रही थी । जयराम सरकार ने भी ऋण लेने की परंपरा को आगे बढ़ाया और हो सकता है की मौजूदा सरकार को भी कामकाज चलाने के लिए ऋण लेना पड़े अगर सुक्खू की सरकार कर्ज लेने के हक में नहीं है तो स्पष्ट है कि उनकी सरकार प्रदेश सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स का सहारा लेगी। मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा की पुरानी पेंशन बहाली के लिए उनकी सरकार ने डीजल पर ₹3 का टैक्स बढ़ाया इन्हीं ₹3 की वृद्धि से 800 से 900 करोड़ की उगाही की जाएगी इसी प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की पिछली सरकार ने चुनाव से पहले डीजल पर से ₹7 का वैट कम किया था और मेरी सरकार ने ₹3 डीजल डीजल पर टैक्स बढ़ाया है और आगे भी यह कहने के बाद मुख्यमंत्री रुक गए…. यानी भविष्य में भी सुक्खू सरकार डीजल व अन्य वस्तुओं पर टैक्स लगाकर राजस्व बढ़ाने की सोच रखती है डीजल पर टैक्स लगाकर अन्य विकासात्मक कार्यों व जनहित के कार्यों पर खर्च करना गलत नहीं है क्योंकि हिमाचल में डीजल के दाम पड़ोसी राज्यों के की तुलना में बहुत कम है और पेट्रोल पंप मालिक इसका लाभ उठाकर पेट्रोल की स्मगलिंग कर रहे हैं जिससे सरकार को करोड़ों रुपयों का चूना लग रहा लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है की पिछले 1 माह से 10,000 ट्रक दो दो सीमेंट की फैक्ट्री फैक्ट्रियां बंद होने के कारण सड़कों पर खड़े हैं और सरकार भी इस मामले में हाथ खड़े करके बैठी है।

10000 ट्रक मालिकों व सीमेंट प्लांट प्रबंधन में जल्द समझौता जरूरी

डीजल पर वैट बढ़ा कर सरकारी कोष भरने की सोच सरकार अच्छी है , केंद्र सरकार भी ऐसा करती आ रही। लेकिन यहां पर मामला थोड़ा केंद्र सरकार से भिन्न है यहां पर डीजल की बिक्री का 80% काम दो सीमेंट फैक्ट्रियां और बद्दी बरोटीवाला और नालागढ़ में लगे उद्योगों पर निर्भर है एसीसी बरमाना वह अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री दाड़़लाघाट का प्रबंधन जबसे अदानी समूह के पास आया है उन्होंने ट्रक ऑपरेटर यूनियन को माल भाड़ा कम करने को कहा। अदानी समूह का कहना है के यह ट्रक यूनियन अन्य राज्यों की तुलना में माल ढुलाई का भाड़ा बहुत ज्यादा लेती हैं जिसके चलते उनकी फैक्ट्री घाटे में चल रही है यह कहकर उन्होंने अपने दोनों फैक्ट्रियां बंद कर दी और अब सुक्खू सरकार द्वारा डीजल पर वैट बढ़ाने और भविष्य में और टैक्स बढ़ाने की सोच से ट्रक ऑपरेटर को दोहरी मार पड़ेगी ।एक और किराया कम करने का दबाव दूसरी ओर डीजल के बढ़ते दाम ट्रक मालिकों को मुश्किल स्थिति में डाल देगी जिस के चलते 30000 परिवारों को रोटी रोजी की के लाले पड़ जाएंगे,और राजकीय कोष को भी नुकसान होगा। इससे जनाक्रोश बढ़ेगा इस सारी स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए मौजूदा सरकार को जल्द से जल्द ट्रक ऑपरेटर और अदानी समूह में सम्मानजनक समझौता करवाना बहुत जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *