सुक्खू सरकार ने जयराम सरकार द्वारा की गई चुनाव से छ: महीने पहले की घोषणाओं को अव्यवहारिक बताते हुए किया खत्म !
हिमाचल डेस्क – सुखविन्द्र सिंह सुक्खू की सरकार ने शपथ लेते ही जयराम सरकार द्वारा चुनाव से छ: महीने पहले की घोषणाओं की व्यवहारिकता और बजट में रखे प्रावधानों की जांच पड़ताल कर 590 संस्थानों की घोषणाओं को अव्यवहारिक बताते हुए खत्म कर दिया। सुक्खू सरकार के इस फैसले के विरोध में भाजपा विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री व सांसदों ने अपनी प्रतिक्रियाओं के ताबड़तोड़ हमले सभी अखबारों, टीवी चैनलों व पोटल शुरू कर दिया। हर ऐरे-गैरे से लेकर उच्चवर्गीय नत्थू खैरे तक ने अपने तर्कों का पिटारा खोल दिया। कुछ दिन ऐसा लगा कि सुक्खू की नई नवेली सरकार ने यह निर्णय लेकर अपनी लोकप्रियता को बेमतलब पत्थर मार लिया। लोगों में हड़बड़ी मच गई, विपक्ष को लगा कि हार से आई मुर्छा को संजीवनी मिल गई और पक्ष के नेताओं को लगा कि सुक्खू को घेरने की जादू की छड़ी मिल गई।
कोरोना काल के दो साल के ठहराव के अंतराल के बाद और चुनाव की घंटी बजने से पहले के छ: महीने में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ने विशेषतौर पर मंडी, कुल्लू, किन्नौर व अन्य जिलों में हवाई दौरे किए और जो लोगों ने उनसे मांगा उसकी तत्काल वहीं घोषणा कर दी। ऐसा नहीं है कि चुनाव जीतने का यह मंत्र जयराम ने ही पहली बार फूंका। यह काम कांग्रेस व भाजपा की पूर्व सरकारें भी बेझिझक करती आ रही हैं। चुनाव के नजदीक कई घोषणाएं जो पूर्व में कांग्रेस सरकारों ने नब्बे दशक की अभी तक पूरी नहीं हुई । दशकों से परंपरा चली आ रही कि उत्तरोत्तर सरकारों ने पूर्ववर्ती सरकार के निर्णयों को खारिज न कर ठंडे बस्ते में डाल दिया करते थे परंतु मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने साहस दिखाते हुए जयराम सरकार की 590 घोषणाओं को खारिज कर दिया।
परंपरा से हटकर व्यव्स्था बदलने का कदम उठाया
मुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार की घोषणाओं को अव्यवहारिक करार दिया। जयराम सरकार की 590 विभिन्न संस्थान खोलने की घोषणाओं को चुनाव जीतने का पैंतरा बताया और कहा कि जो संस्थान खोले भी हैं वहां न तो कर्मचारी नियुक्त किए न ही बजट में उनके लिए प्रावधान रखा। इन संस्थानों में अधिकतर संस्थान पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ने अपने ही जिला और सराज में खोले। पूर्व सरकार ने कई जगहों पर एसडीएम का दफ्तर खोला और वहां पर क्लास फोर का कर्मचारी नियुक्त कर दिया है। वहां की जनता को तो इससे क्या लाभ मिलेगा उल्टा परेशानी बड़ा दी पुराने दफ्तर काम नहीं करवा सकते और नए में अफसर नही तो हो नहीं सकते और कई स्थानों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले और वहां पर न तो डॉक्टर है न ही कोई स्वास्थ्य जांच पड़ताल के उपकरण है। कई संस्थानों पर उद्घाटन के समय से ताले लटके हुए हैं।
संस्थानों को खोलने में विपक्ष और सत्तापक्ष के रोप-प्रत्यारोप
संस्थानों को बंद करने को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही बदले की भावना से काम करना शुरू कर दिया है। जयराम ठाकुर कहते हैं जो संस्थान हमने जन कल्याण व जनता की सुविधा के लिए उनके घर द्वार पर खोले थे उनको कांग्रेस सरकार बंद करके न केवल बदले अपितु जनता के लिए असुविधा उत्पन्न कर दी है। जयराम ने कहा कि भाजपा इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी और तानाशाह सरकार की पोल खोलेगी। उन्होंने कहा कि यह तो अभी शुरूआत है आगे-आगे देखें हम कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। भाजपा ने सुक्खू सरकार के इस निर्णय के खिलाफ लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन किया और कांग्रेस सरकार को आगाह किया कि वह इस निर्णय को वापस लें। भाजपा ने सुक्खू सरकार पर सुनियोजित ढंग से हमला बोला है। कांग्रेस ने भी भाजपा को करारा प्रतिउत्तर दिया है।
कांग्रेस का प्रहार
कांग्रेस के बड़े-छोटे नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा की पूर्व सरकार ने हार की हड़बड़ी में प्रदेश में 590 संस्थान खोल दिए लेकिन भाजपा के इस कपट को हिमाचल की जनता समझती थी इसलिए वह भाजपा के साथ नहीं गई। कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह, नीरज नैय्यर व चंद्रशेखर ने कहा कि जयराम सरकार द्वारा बजट में 590 संस्थान खोलने के फैसले को रद्द कर के ठीक किया है और आरोप लगाया कि भाजपाई अपने झूठ को छुपाने के लिए हल्ला मचा रहे हैं। उन्होंने कहा सुखविन्द्र सिंह सुक्खू की सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण और हर क्षेत्र के चहुुंमुखी विकास के लिए वचनबद्ध है। भाजपा ने जो यह कार्यालय खोले हैं वह राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए खोले हैं। इन कार्यालयों को खोलते हुए किसी भी निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं किया गया है।कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा व मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि तानाशाह भाजपा के कार्यों की समीक्षा बिल्कुल जायज है। प्रतिभा सिंह ने कहा भाजपा ने अपने शासन काल में बागवानों, किसानों, कर्मचारियों व आम लोगों के दु:ख दर्द को कभी नहीं समझा।
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह का पलटवार!
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि जयराम सरकार ने प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ बिना किसी बजटीय प्रावधान और आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती के बिना अपने कार्यकाल के अंतिम छ: महीने 590 से अधिक संस्थान खोले थे। इन संस्थानों को क्रियाशील करने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि राज्य बहुत भारी वित्तीय कर्ज के नीचे दबा हुआ है और डबल इंजन की सरकार का दावा करने वाली सरकार अपने कार्यकाल में केंद्र सरकार से एक पैसा भी नहीं ला पाई है। सुक्खू ने कहा कि 30 से अधिक ऐसे स्वास्थ्य संस्थान खोले गए जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की भी नियुक्ति नहीं की है। इसी तरह एमडीएम के दफ्तर भी खोले गए लेकिन किसी अफसर की नियुक्ति नहीं की है। अधिकांश संस्थानों में आसपास के संस्थानों से अस्थाई रूप से कर्मचारी नियुक्त कर दिए जो न केवल नए खुले कार्यालयों के लिए निरर्थक साबित हुए बल्कि मौजूदा संस्थानों का कामकाज के बाधा बन गए। उन्होंने कहा भाजपा द्वारा खोले इन संस्थानों की पुन: समीक्षा होगी और जहां आवश्यक हुआ वहां बजट में प्रावधान करके संस्थान खोले जाएंगे।
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