तुर्की सरकार ने देश के 10 प्रांतों में 3 महीने के लिए आपातकाल की घोषणा की

तुर्की और सीरिया में विगत 100 वर्षों में सबसे तेज और सबसे ज्यादा नुकसान करने वाले भूकंप में से एक भूकंप सोमवार को आया है। अभी तक मिली खबरों व सरकार द्वारा दिए नुकसान के विवरण में कई बहुमंजिला इमारतें धराशाई हो गई हैं और लगभग 8000 लोगों के मरने की खबर है । सीरियाई सिविल डिफेंस में बताया है की उत्तर पश्चिमी सीरिया में 1220 लोगों की मृत्यु भूकंप के कारण हुई और 26000 लोग घायल हुए हैं।

तुर्की के 10 प्रांतों में आपात स्थिति लागू

तुर्की में वहां की सरकार ने अपने देश के 10 प्रांतों में, जो भूकंप से प्रभावित हुए हैं , 3 महीने के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित की है ।मलबे में फंसे लोगों को बचाने व राहत कार्यों के लिए भूकंप से ग्रस्त क्षेत्रों में देश के सुरक्षाबलों को तैनात किया है। बचाव व राहत कार्यों को तेज करने के लिए दुनिया भर के देशों ने हाथ बढ़ाया है ।भारत में भी भूकंप ग्रस्त दोनों देशों को राहत सामग्री बा एनडीआरएफ के 1000 जवान भेजे हैं। मलबे में दवे लोगों का पता लगाने के लिए मेक्सिको सरकार ने प्रशिक्षित कुत्तों की टीम भेजी है ।

सीरिया और तुर्की में एक के लगातार तीन तीव्र गति वाले झटके

एजेंसी की खबरों के अनुसार कहारनामा प्रांत के पजारसिक जिले में सोमवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया इसके तुरंत बाद 7. 6 तीव्रता का भूकंप एलबिस्तान जिले में आया जो तबाही का कारण बना इस भूकंप में लगभग 10 जिलों को प्रभावित किया है सीरिया और तुर्की में आए भूकंप के लगातार झटकों ने सीरिया तुर्की लेबनान के साथ कई अन्य देशों को भी हिला दिया है।

संकट के समय भारत तुर्की के साथ खड़ा है ।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा “भारत इस चुनौतीपूर्ण क्षण में अपनी एकजुटता व्यक्त करता है “।भारत ने मंगलवार को ही C-4 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों में राहत सामग्री ,एक चलित अस्पताल ,ऐसी स्थिति से निपटने में माहिर लोगों की टीम भेजी है। 30 बिस्तर वाले चलित हस्पताल को चलाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों का दल, एक्स रे मशीन वेंटिलेटर ऑक्सीजन उत्पादन यंत्र,हृदय की निगरानी करने वाले उपकरण भी इस चलित अस्पताल में भेजे हैं।

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