हिमाचल प्रदेश भवन सड़क एवं अन्य निर्माण मजदूर यूनियन संबंधित सीटू इकाई सुन्नी बाँध हाइड्रो परियोजना में सैंकड़ों मजदूरों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। मजदूरों ने सुबह शाम चार घण्टों के लिए कार्य बंद रखा। इस दौरान यूनियन के दस सूत्रीय मांग पत्र पर प्रबन्धन के साथ यूनियन की दो घण्टे तक लम्बी बैठक हुई। बैठक में फैसला हुआ कि श्रम कानूनों को लागू करने की प्रक्रिया अगले दो दिन के भीतर शुरू हो जाएगी व सभी श्रम कानून 28 दिसम्बर से पूर्व लागू कर दिए जाएंगे। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें शीघ्र पूर्ण न हुईं तो आंदोलन तेज होगा।

मजदूरों को संबोधित करते हुए सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, शिमला ज़िला कोषाध्यक्ष बालक राम, ज़िला उपाध्यक्ष सुनील मेहता, ज़िला सचिव अमित, यूनियन अध्यक्ष ओमप्रकाश, महासचिव कुलदीप, सचिव हिमांशु नीटू मनीष, यशपाल, मीन चंद ने कहा कि सुन्नी बांध हाइड्रो परियोजना में श्रम कानूनों की खुली उल्लंघना की जा रही है। परियोजना में मजदूरों को न्यूनतम वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है। मजदूरों से 18 घन्टे काम करवाया जा रहा है। उन्हें टनल वेतन, छुट्टियों का वेतन, ओवरटाइम वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें दस्ताने, जूते, हेलमेट, मास्क आदि सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। मजदूरों को कई कई महीने वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनके ईपीएफ का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

उन्हें रहने, खाने, मैस, केंटीन, शौचालयों, स्नानघर, यातायात सुविधा, छुट्टियों, श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकरण आदि की उचित सुविधा नहीं है। मजदूरों को उचित रिहाईश के बजाए कंटेनरों में पशुओं की तरह ठूंसा गया है। एक एक कंटेनर में दर्जनों मजदूरों को रहने के लिए विवश किया जा रहा है। उन्हें श्रेणी अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनसे 12 घण्टे कार्य करवाने के बावजूद न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर ये मांगें शीघ्र पूर्ण न हुईं व श्रम कानून लागू न हुए तो आंदोलन तेज होगा। मजदूरों का दमन व शोषण बन्द न हुआ तो मजदूर हड़ताल करके प्रोजेक्ट कार्य को ठप्प कर देंगे।

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