डी पी उनियाल जी को बी एन देवरानी की श्रद्धंजलि

हिमालयी क्षेत्रों के पैरोकार और उत्तराखंड क्रांति दल के संस्थापक सदस्य रहे वरिष्ठ पत्रकार द्वारिका प्रसाद उनियाल ऊर्फ ‘बाबू जी’ आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनियाल जी जैसे जुझारू पत्रकार को भुला पाना आसान नहीं है। उनियाल जी जिस माटी में पैदा हुए, जिसकी हवा में सांस ली उसके प्रति अपार स्नेह, समर्पण, श्रद्धा और आभार अंतिम सांस तक उनके दिल में रहा। उत्तराखंड आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले, हिमालयी क्षेत्र के लोगों की पीड़ा को समझने वाले, किसानों, बागवानों के वे सदैव पक्षधर रहने वाले उनियाल जी सदैव याद आते रहेंगे। अपने साप्ताहिक समाचार पत्र हिमालय टाइम्स के माध्यम से उन्होंने समय समय पर कई ज्वलंत मुद्दों को उजागर किया। वे चाहे जल, जंगल और जमीन के मुद्दे रहें हों अर्थात पर्यावरण, रोजगार और अन्य सम सामयिक मुद्दे रहे हों उन्हें वे प्रमुखता से सरकार के समक्ष रखते थे। मुझे भी उनके सानिध्य में काम करने का अवसर मिला यानी कह सकता हूं कि पत्रकारिका की पहली पाठशाला मेरी हिमालय टाइम्स ही रही। उनके अनुभव, सीख और शिक्षाएं हमेशा साथ रहेंगी।  निरंतर पढ़ते रहना उनकी प्रमुख अादतों में शामिल था।

मेरी मुलाकात उनसे देहरादून में हुई थी। उस दौरान वे अखबार को ट्रेडल से ऑफसेट पर लाने के सिलसिले में देहरादून आए थे। उस दौरान में एक पब्लिकेशन हाउस में कार्य करता था। उन्होंने शिमला अाने का ऑफर दिया और मैंने उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। हिमालय टाइम्स में रहकर उनसे साथ कई क्षेत्रों में साथ गए। उनियाल जी का आशीर्वाद और उनकी दी हुई शिक्षाएं हमेशा साथ रहेंगी। अलविदा

ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शाेक संतप्त परिवार को इस दुख को सहने की असीम शक्ति प्रदान करे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *