वायदे कायदे  और इरादे की पक्की हरफनमौला आरती चौहान  इंजन घर से आजाद मैदान में उतरी हैं ।चौहान ने 2017 में भाजपा से ,कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले, वार्ड इंजन घर से चुनाव लड़ा और सीट भाजपा की झोली में डाली, लेकिन खुद 5 साल पार्षद रहते हुए हमेशा जनता के पाले में खड़ी रहीं। जब भी आरती को लगा कि उसकी जनता को उनका हक नहीं मिल रहा है तो वह अपनी ही सरकार से भीड़ गई। अपने लोगों की समस्या को सुलझाने में अगर हाउस में चूकीं तो सड़क पर अकेले धरने में बैठ गई और उनकी समस्या को हल करवाया। ऐसा आरती ने एक बार नहीं अनेक बार किया और हर बार अपने लोगों के हित  को साधा। 

 “राजनीति नहीं सेवानीति” उनका मूल मंत्र है ।

           इरादे व वायदे की पक्की आरती का भाजपा ने टिकट इस तर्क पर काटा की इंजनघर वार्ड  इस बार ओपन है इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है। भाजपा का यह तर्क किसी को भी हजम नहीं हो पा रहा है क्योंकि 2017 में भाजपा ने सत्य कौंडल, पूर्व महापौर, को ओपन वार्ड से ही चुनाव लड़या था और वह जीती थी। शायद आरती को भी पार्टी का यह तर्क बेतुका लगा तभी उन्होने आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है । 
सोमवार सुबह ही अपने समर्थकों के साथ आरती चौहान उपायुक्त कार्यालय पहुंची जहां सहायक आयुक्त के पास अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। 

आरती चौहान ने कहा कि भाजपा से टिकट के लिए आवेदन किया था लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर दूसरे वार्ड में रहने वाले व्यक्ति को  टिकट दी है । उनका दावा है ,जो ठीक भी है, कि उन्होने इस वार्ड में काफी विकास कार्य किए है । करोड़ो के काम किए है इसके बावजूद पार्टी ने उनका टिकट काटा है। जबकि अन्य वार्डो में पार्टी ने पूर्व 6 पार्षदों को टिकट दिए है। उन्होंने कहा वार्ड की जनता ही उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कह रही है। जनता के कहने पर चुनाव ही वे लड़ रहीं है। 

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