बजट पर सुझाव व आलोचना के लिए विपक्ष को दिया खुला समय
व्यवस्था परिवर्तन की ठोस आधारशिला रखते हुए बजट पर चर्चा करने के लिए विपक्ष को 10 घंटे 15 मिनट का समय और सत्तापक्ष को 7 घंटे 18 मिनट का समय दिया गया। चर्चा में 52 सदस्यों ने भाग लिया जिसमें विपक्ष के अधिक वक्ताओं को बोलने का अवसर दिया गया। 17 मार्च 2023 को सुक्खू सरकार द्वारा पेश बजट पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष व विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने संस्थाओं के बंद करने व पुरानी जनहित योजना का बजट में प्रावधान नहीं करने पर सरकार की जमकर आलोचना की और सरकार को कांग्रेस की 10 गारंटीयों से पीछे हटने के आरोप जड़े। विपक्ष के आरोपों व आलोचना का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हर मुद्दे पर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रत्युत्तर में कहा कि जब उन्होंने प्रदेश की कमान संभाली तो कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसा नहीं था। उनकी सरकार को जनवरी में 1300 करोड़, फरवरी में 1500 करोड़ और मार्च में भी1500 करोड़ का ऋण लेना पड़ा है। यह स्थिति भविष्य में उत्पन्न ना हो उस को ध्यान में रखते हुए मेरी सरकार ने 2023-24 के बजट का प्रारूप तैयार किया । मेरी सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए कांग्रेस पार्टी के वायदे के अनुरूप पहले मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया और उनको 1 अप्रैल 2023 से ओ पी एस में शामिल कर दिया जाएगा। इस निर्णय से 136000 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा
सरकार ने युवान को 30,000 नौकरियां सरकारी क्षेत्र में और 70000 रोजगार के अवसर निजी क्षेत्र में इस बजट में उपलब्ध करवाए हैं ।नेता प्रतिपक्ष व विपक्ष के अन्य सदस्य स्कूल बंद करने के नाम पर सदन को गुमराह कर रहे हैं। हम पूर्व सरकार द्वारा खोले गए स्कूलों की पढ़ाई के नए सत्र में प्रवेश के बाद हर स्कूल की छात्र संख्या को देखकर निर्णय लेंगे कि किस संस्थान को बंद करना है और किसको चलाना है। मेरी सरकार स्कूली शिक्षा को लेकर गंभीर है। हमने अभी किसी भी स्कूल की अधिसूचना को रद्द नहीं किया है।
विपक्ष बार-बार कह रहा है कि मेरी सरकार ने हिम केयर ,मुख्यमंत्री सहारा योजना व अटल स्कूल योजना बंद कर दी है। मैं सदन के माध्यम से प्रदेश की जनता को बताना चाहता हूं कि मेरी सरकार ने हिम केयर योजना के लिए 10 करोड रुपए का बजट बढ़ाकर 92 करोड कर दिया है। मुख्यमंत्री सहारा योजना के लिए ₹620000000 का बजट में प्रावधान है। कन्यादान योजना में ₹300000000 बजट में रखे हैं। अटल स्कूल शिक्षा के लिए 30 करोड का बजट तीन निर्माणाधीन स्कूलों के लिए रखा है ।
मेरा मानना है कि विपक्ष या तो बजट को समझा नहीं है या फिर समझने के बाद भी तथ्यों से आंख मूंदकर बात कर रहा है । विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है। विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में मेरी सरकार वर्षों से लटके सॉन्गटांग प्रयोजना को 2 साल में पूरा करने के लिए गंभीर है। सरकार यदि इस परियोजना को 2 साल में पूरा कर लेती है तो 1700 सौ करोड़ रुपए की बचत होगी। सरकार 200 मेगावाट सौर परियोजना को सर्दियों से पहले धरातल पर उतारने के लिए दिन रात काम कर रही है ताकि हम सर्दियों में जो अन्य राज्यों से 600 करोड रुपए की बिजली, ₹7 प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदते हैं, की बचत कर सकें। मेरी सरकार गुड्स ट्रांसपोर्ट व थ्री-व्हीलर को भी ग्रीन ऊर्जा के अंतर्गत दी जाने वाली अनुदान की स्कीम में शामिल करती है ।
हम स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अगले 6 महीनों में भारी एवं गुणात्मक परिवर्तन लाने जा रहे हैं। हम स्वास्थ्य संस्थानों को विश्व स्तरीय सुविधाओं और अपेक्षित डॉक्टर नर्स व अन्य टेक्निकल स्टाफ से लैस करने जा रहे हैं ताकि मरीजों को कोई असुविधा ना हो । मुख्यमंत्री ने अपने प्रतिउत्तर में बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार के बजट की नीति आयोग के सदस्य ने भी प्रशंसा की है। अंत में मुख्यमंत्री ने विपक्ष को चुनौती दी है की अगर मैं गलत बोल रहा हूं तो विपक्ष मेरे खिलाफ विशेषाधिकार का मामला लाए, लेकिन जनता को बजट पर गुमराह ना करें।