जल विद्युत उत्पादन “जल उपकर “और शराब के ठेकों की नीलामी 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 6 मार्च 2023 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दो बहुत ही महत्वपूर्ण एवं सराहनीय फैसले लिए हैं आज की मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि जल विद्युत उत्पादन “जल उपकर” 2023 आगामी विधानसभा के सत्र में लाया जाएगा । इस बिल को फिलहाल राज्यपाल के अध्यादेश द्वारा स्वीकृति प्राप्त है और यह 10 मार्च 2023 से लागू हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश में इस समय 172 पावर प्रोजेक्ट है जो 10999 मेगावाट विद्युत उत्पादन करते है। इस बिल को कम से कम दो ढाई दशक पहले की सरकारों को लाना चाहिए था। बीसवीं शताब्दि के अंतिम दशक में “जल उपकर”की बहुत चर्चा हुई थी परंतु इसको लाने का काम सुक्खू की सरकार ने किया । सुक्खू सरकार को जनता का साधुवाद। अगर यह बिल पहले लाया होता तो आज प्रदेश की सरकार ना तो कटोरा लेकर रिजर्व बैंक या अन्य किसी फाइनेंसियल संस्थान के सामने खड़ा नहीं होना पड़ता और ना ही लालटेन लेकर निवेशकों को ढूंढने के लिए  देश- विदेश जाने की जरूरत पड़ती और प्रदेश  का करोड़ों रुपए भी बच जाते।

           प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में आज दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय में वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।मंत्रिमण्डल ने वर्ष 2023-24 के लिये राज्य में खुदरा आबकारी दुकानों की नीलामी एवं निविदा को स्वीकृति प्रदान की। यद्यपि आबकारी विभाग न सरकार के सामने शराब की दुकानों को मौजूदा रेट से 10% वृद्धि करके देने का प्रस्ताव रखा था, जो पूर्व  की सरकारें करती आ रही थी, परंतु सुक्खू सरकार ने शराब की दुकानों  की नीलामी करने का फैसला लिया । इसका उद्देश्य सरकार के राजस्व में पर्याप्त वृद्धि, शराब के मूल्य में कमी और पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाना है। 

बैठक में पांच लीटर केग ड्रोट बियर की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया। इससे ग्राहकों को बियर की विभिन्न किस्में उपलब्ध होंगी। राज्य की वाइनरियों में आयातित वाइन की बॉटलिंग की अनुमति भी प्रदान की गई है। इससे ग्राहकों के लिए बेस्ट सेलिंग हाई रेंज वाइन ब्रांड उपलब्ध हो सकेंगे।

मंत्रिमण्डल ने बागवानों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत फलों के आसवन द्वारा निर्मित स्प्रिट या इसके डिस्टीलेशन और ब्लेंडिंग द्वारा प्राप्त शराब की नई किस्में शुरू करने का निर्णय लिया। 

मंत्रिमण्डल ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एल-3, एल-4, एल-5 लाइसेंस धारकों को 3 स्टार रेटिड और उससे ऊपर के होटलों के सभी कमरों में रहने वालों के लिए मिनी बार की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया।

बैठक में राज्य में एक प्रभावी ऑनलाइन एंड-टू-एंड आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें वास्तविक समय में निगरानी के लिए मॉड्यूल के अलावा शराब की बोतलों के ट्रैक एवं ट्रेस की सुविधा शामिल होगी।

इस नीति को सरकार, उपभोक्ता, खुदरा विक्रेता, थोक व्यापारी, बॉटलिंग प्लांट, डिस्टिलरी, होटल तथा बार इत्यादि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। विभाग द्वारा सभी वर्गों से चर्चा एवं सुझाव के उपरान्त यह निर्णय लिए गए हैं।

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