सुक्खू सरकार जुटी राहत बचाव व बहाली कार्य में। मंत्री एवं मुख्य संसदीय सचिव पहुंच चंद्रताल

हिमाचल प्रदेश में 3 दिन लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने जो तबाही का तांडव मचाया है उसकी भरपाई के लिए कई वर्ष और अरबों रुपया चाहिए । भारी बारिश ने यूं तो समूचे प्रदेश में नुकसान किया है। परंतु कुल्लू ,मंडी शिमला, सिरमौर सोलन में सड़कों, पुलों, बिजली, पानी व निजी संपत्ति और फसलों का बहुत ज्यादा नुकसान किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रथम दृष्टया में लगभग 4000 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है।

प्रदेश आपदा विभाग के प्रधान सचिव ने बताया है कि लाहौल स्पीति में 320% सामान्य से अधिक और किन्नौर में 500% सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई हैं।बारिश के कारण 4800 जलापूर्ति प्रयोजनाएं 33 छोटे बड़े पुल 1100 से अधिक सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन सड़कों को बहाल करने के लिए 885 जेसीबी डोजर अन्य मशीनरी व श्रमिक निरंतर कार्य कर रहे हैं। लारजी पावर हाउस में बाढ़ का पानी घुसने के कारण कुल्लू मनाली में बिजली व नेटवर्क बहाल करने के लिए मलाणा के पावर हाउस को मेंटेन किया गया और इन दोनों शहरों में बिजली व नेटवर्क सुविधा चालू की गई है।

सरकार ने अपने स्तर व एनडीआरएफ की मदद से बाहर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से फंसे लोगों को निकाला है। एनडीआरएफ का कार्य अति सहनीय है। चंद्रताल में फंसे लोगों को निकालने के लिए हवाई व सड़क के मार्गों से लोगों को निकालने का काम जारी है। वरिष्ठ व बीमार लोगों को चंद्रताल से निकाल लिया है । और बाकी पर्यटक अपनी गाड़ियों के साथ ही वापस आना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने चंद्र ताल का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी व मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को पिछले कल चंद्र ताल के लिए रवाना किया था जो आज सुबह 18 घंटों के कड़े संघर्ष के बाद बर्फ से ढके रास्तों को साफ करवाते हुए चंद्र ताल पहुंच चुके हैं । मंत्री नेगी ने सुबह सेटेलाइट फोन से मुख्यमंत्री को इसकी खबर दी है। भारतीय सेना ने भी चंद्र ताल जाने के लिए मना कर दिया था।

मुख्यमंत्री कुल्लू में डटे हुए हैं और स्वंय राहत, बचाव व बहाली का के कार्यों को देख रहे हैं। आज सुबह 9 बजे ट्वीट कर कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि उस समय तक 60000 पर्यटकों को सुरक्षित बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से निकालकर घर भेज दिया है। उन्होंने बताया कि लगभग 10000 पर्यटक कसोल व खीरगंगा में हैं जो अपनी गाड़ियों के बिना नहीं जाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस उन्हें गाड़ियों की पर्ची दे देगी और वह अपने वाहन सड़क मार्ग ठीक होने पर ले जा सकते हैं

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