देश में बढ़ी बेरोजगारी और मंगाई: चौहान

हिमाचल प्रदेश की सीपीआईएम ईकाई ने केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर केन्द्र सरकार  द्वारा लागू की जा रही आर्थिक नीतियों के खिलाफ प्रदेश भर में धरने प्रदर्शन किए। बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी, मंहगाई के विरूद्ध 22 फरवरी से 28 फरवरी तक प्रदेशव्यापी अभियान चलाया और आज 28 फरवरी को जिला, उपमंडल, ब्लॉक व तहसील स्तर पर प्रदर्शन किए गए। शिमला में भी उपायुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया।

       सीपीआईएम नेता संजय चौहान ने कहा कि 2014 के बाद  बीजेपी की मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद  देश में बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, असमानता बढ़ी है। भारतीय अर्थव्यवस्था का लड़खड़ाना जारी है, रूपए का अवमूल्यन लगातार  हो रहा है तथा मंदी की हालत और छोटे व मध्यम उद्योग बंद हो रहे हैं। सरकार की इन नीतियों से अमीर और अमीर और गरीब और गरीब हुआ है। मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश में बेरोजगारी बढ़ी है। देश में बेरोजगारी की दर 7 प्रतिशत से उपर ही रही है और शहरी बेरोजगारी की दर तो 8 से 10 प्रतिशत आंकड़ा छू रहा  है।  वर्ष 2023- 24 के बजट में मनरेगा व खाद्य सब्सिडी में भारी कटौती की गई है। जहां वर्ष 2021- 22 में मनरेगा पर 1,25,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे वहीं इस वर्ष के बजट में मात्र 60000 करोड़ रूपए का प्रवधान किया गया है। बजट में खाद्य सब्सिडी पर भी 90000 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। बाजार में रसोई गैस,खाद्य वस्तुओं व अन्य आवश्यक वस्तुओं तथा दवाओं के दामों में भारी वृद्धि हो गई है। बढ़ती महंगाई से जनता की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों व अमीरों के ऋण माफ करती जा रही है और टैक्स में लाखों करोड़ रुपए की छूट दे रही है। जिससे देश की जनता में असमानता बढ़ रही है। ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार भारत की कुल संपत्ति का 40 प्रतिशत से अधिक का स्वामित्व आबादी के मात्र 1प्रतिशत हिस्से के पास है। उन्होंने कहा की अगर मोदी सरकार महंगाई बेरोजगारी को बढ़ाने वाली इन नीतियों को वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा

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