मोहिंद्र प्रताप सिंह राणा

शिमला जिले के कोटखाई के जाशला गांव की रहने वाली धृति बरागटा ने शोध कार्य में प्रदेश का नाम रोशन किया है। पंजाब विश्वविद्यालय की शोधार्थी धृति को प्रधानमंत्री फेलोशिप फॉर डॉक्टोरल रिसर्च स्कीम के तहत सम्मानित किया गया है।

यह फेलोशिप भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन से प्रदान की जाती है।धृति की शोध कार्य “फंगी एंड माइकोरिमेडिएशन” (फंगल उपचार) पर आधारित है, जिसे वह पंजाब विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन विभाग में डॉ. राजीव कुमार के मार्गदर्शन में कर रही हैं। यह फेलोशिप प्राप्त करने वाली वह विभाग की पहली शोधार्थी हैं।

उनके इस शोध का उद्देश्य पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए फंगल उपचार विधियों को विकसित करना है।इस फेलोशिप के तहत हिग्स हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक, डॉ. गौतम माधोक धृति के औद्योगिक साझेदार के रूप में जुड़े हैं।

धृति के माता-पिता, उनके पिता देविंद्र बरागटा, जो कृषि विभाग से सेवानिवृत हुए हैं, और उनकी माता रीता बरागटा, एक गृहिणी हैं। इस उपलब्धि के साथ धृति ने न केवल हिमाचल प्रदेश का बल्कि पूरे देश का गौरव बढ़ाया है।

क्या है प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप?

“प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप (पीएमआरएफ)पीएमआरएफ योजना हमारे देश के प्रतिभावान लोगों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के डॉक्टरेट कार्यक्रमों की ओर आकर्षित करने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए तैयार की गई है। प्रत्येक भाग लेने वाले आईआईटी और आईआईएससी के लिए, इस योजना के अंतर्गत पीएचडी प्रवेश अतिरिक्त होंगे।

पात्रता: वे छात्र जो आईआईईएसटी/आईआईएससी/आईआईटी/एनआईटी/आईआईएसईआर और केंद्रीय वित्त पोषित आईआईआईटी से विज्ञान और प्रौद्योगिकी धाराओं में 4 वर्षीय स्नातक या 5 वर्षीय एकीकृत एम.टेक या एकीकृत एम.एससी. पाठ्यक्रम या 5 वर्षीय स्नातक-स्नातकोत्तर दोहरी डिग्री कार्यक्रम पूरा कर चुके हैं या अंतिम वर्ष में हैं, पात्र हैं, बशर्ते वे निर्धारित न्यूनतम योग्यताएं पूरी करते हों। आवेदकों ने पिछले 5 वर्षों में आवश्यक शैक्षणिक योग्यता पूरी कर ली होगी

फेलोशिप राशि: चयनित उम्मीदवारों को आईआईटी/आईआईएससी में से किसी एक में पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा, जिसमें शुरुआती 2 वर्षों के लिए 70000 रुपये प्रति माह, फिर तीसरे वर्ष के लिए 75000 रुपये प्रति माह और चौथे और पांचवें वर्ष में 80000 रुपये प्रति माह की फेलोशिप दी जाएगी। प्रत्येक फेलो को 5 वर्ष की अवधि के लिए 2 लाख रुपये प्रति वर्ष का शोध अनुदान प्रदान किया जाएगा, ताकि उनके शैक्षणिक आकस्मिक व्यय, विदेशी/राष्ट्रीय यात्रा आदि को कवर किया जा सके। फेलोशिप की वार्षिक निरंतरता के लिए राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) द्वारा पीएमआरएफ धारकों के प्रदर्शन की गहन समीक्षा की जाती है। एकीकृत पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए फेलोशिप की अवधि 4 वर्ष और बी.टेक छात्रों के लिए 5 वर्ष है”।

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