मुख्यमंत्री का बड़सर दौरा।

मोहिंद्र प्रताप सिंह राणा/ग्राम परिवेश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज बड़सर दौरा महज़ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं था — यह उस बेईमानी पर सार्वजनिक प्रहार था जिसने निष्ठा को नीलाम किया और जनादेश की गरिमा को ठोकर मारी। मंच से छलकते हर शब्द में वेदना भी थी और चेतावनी भी। वेदना इस बात की है कि कांग्रेस की नाव में बैठे कुछ स्वार्थी नाविकों ने ही बीच मंझधार में पतवार बदल दी, और चेतावनी इस बात की कि अब जनता को बेईमानी और ईमानदारी के बीच की रेखा स्पष्ट देखनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा “जिस बड़सर को कभी विकास की धारा से जोड़ने का सपना देखा था, उसे छल और अवसरवाद की राजनीति ने रोकने की कोशिश की।” 2011 में रखे गए मिनी सचिवालय के नींव पत्थर को भाजपा सरकारों ने धूल फांकने के लिए छोड़ दिया। मगर सुक्खू सरकार ने अपने पहले ही वर्ष, 2023 में, इस सपने को हकीकत में बदलने का साहस दिखाया — 16.50 करोड़ रुपए का प्रावधान कर आलीशान इमारत का निर्माण शुरू करवाया और आज उसका लोकार्पण भी कर दिया है।
बड़सर की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती देने के लिए सीएचसी को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है, पेयजल परियोजना जो वर्षों तक ‘फाइलों के दलदल’ में फंसी रही, आज 55 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है। बिझड़ी में पुलिस चौकी की घोषणा तो हुई थी, मगर पाला बदलने वाले विधायक की बेवफाई ने वह काम भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब वही काम फिर से गति पकड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने भोटा बस अड्डे, सलौणी-बिझड़-दियोटसिद्ध सड़क को डबल लेन बनाने, चकमोह-रैली-जजरी मार्ग के विस्तार, बड़सर अस्पताल को 100 बिस्तरों तक अपग्रेड करने, और मेहरे कॉलेज में कॉमर्स की कक्षाएं शुरू करने जैसी घोषणाओं से विकास की नई पटकथा लिखी।
पर सुक्खू का भाषण सिर्फ योजनाओं का ब्यौरा नहीं था — उसमें तीखा कटाक्ष था। उन्होंने साफ कहा — “आपने बेईमानी को जिताया और शराफत को हराया — यह आपकी गलती थी। * उन्होंने याद दिलाया कि हमीरपुर के मुख्यमंत्री को गिराने का षड्यंत्र इसी धरती से रचा गया था और बड़सर व हमीरपुर के लोगों ने बेईमानों का साथ देकर खुद अपने विकास की राह रोकी।
उन्होंने 2017 की सुजानपुर की गलती भी दोहराई — जब जिले ने अपने ही मुख्यमंत्री को नकारकर खुद को शून्य विकास के अंधेरे में झोंक दिया। कटाक्ष करते हुए कहा — “सबसे पढ़े-लिखे हमीरपुर के लोग राजनीति की अफवाहों में उलझे रह गए, और फिर पछताते रह गए।”
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ने हमीरपुर में विकास को फिर गति दी है। उन्होंने कहा कि ‘‘आपके जिला से मुख्यमंत्री है, आप हमारे साथ चलिए।
उन्होंने कहा — “बड़सर मेरा घर है, और अपने घर का विकास रोकना मेरी नीयत में नहीं। बड़सर का विकास कांग्रेस की देन है, और रहेगा भी।”
मुख्यमंत्री ने आम जनमानस से भी दो-टूक अपील की — “राजनीतिक कट्टरता छोड़िए, विकास में सहयोग कीजिए। यह प्रदेश किसी दल का नहीं, पूरे हिमाचल का है।”
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू जी ने हिमाचल से भाजपा के सात सांसदों और विधायकों से आग्रह किया कि हाल ही में राज्य के लिए प्रधानमंत्री द्वारा आपदा राहत पैकेज के रूप में घोषित 1500 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भाजपा सांसदों के साथ प्रधानमंत्री के पास इस आपदा राहत राशि को शीघ्र जारी करने के आवेदन के लिए जाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को क्षतिग्रस्त भवनों के स्थान पर नए घर बनाने के लिए 7 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार को औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन पर भी घेरा। उन्होंने कहा कि कस्टमाइज्ड पैकेज के नाम पर प्रदेश के संसाधन लुटा दिए गए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पुलिस विभाग में 800 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में पुलिस भर्ती का पेपर लीक हुआ करते थे, लेकिन वर्तमान सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती कर रही है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा राजनीतिक शालीनता में लिपटा, पर भीतर से तीखा प्रहार था — एक संदेश कि जनादेश का मान तभी है जब निष्ठा बिके नहीं, और बेईमानी का उत्सव मनाने वाले अब जनता के न्याय से नहीं बच सकते।