बागवानी मंत्री बोले नियमों की उल्लंघना पर होगी उचित कारवाई।

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के 11वें दिन प्रश्नकाल में सेब सीजन के दौरान बागवानों के साथ हो रही लूट और अदानी ग्रुप के सीए स्टोर में हों रही मनमानियों का मुद्दा उठा। ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने बागवानी मंत्री से पूछा कि शिमला ज़िला में अदानी के कितने सीए स्टोर चल रहे हैं और क्या इनमें नियमों की पालना हो रही है जिसमें बिना एमओयू के अदानी के सीए स्टोर को राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की ओर से 1598.79 लाख रू. की सब्सिडी नाबार्ड के तहत देने की बात भी सामने आई है।

     बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अडानी समूह ने शिमला जिले के सैंज,मैंहदली और रेवली में सीए स्टोर्स स्थापित किए हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की ओर से अडानी समूह को 1598.79 लाख रू. की सब्सिडी नाबार्ड योजना के तहत दी गई। इस संदर्भ में एमओयू हस्ताक्षरित नहीं किया गया।

                 विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि अडानी ने सीए स्टोर की स्थापना पर किसानों व बागवानों की मदद का भरोसा दिया था ,लेकिन उसका उल्टा हुआ है। सेब सीजन के दौरान अडानी समूह लोअर सेब पट्टी का फल बाजार  में आने  तक चुप रहता है लेकिन बीच की सेब पट्टी का फल आते ही अदानी समूह सेब बाजार  को नियन्त्रित करना शुरू करता है। दाम तय करने में मनमानी की जाती है, बिना एमओयू के काम दिया गया। इसलिए सरकार मामले की समीक्षा करके फिर से एमओयू किया जाए।किसानों-बागवानों के शोषण बंद किया जाए।

विधायक राठौर ने एक पूरक प्रश्न उठाते हुए बागवानी मंत्री से पूछा कि यदि एमओयू नहीं था तो 5000 करोड के सेब  बाजार को नियंत्रित करने वाले अदानी समूह से नए  एमओयू पर हस्ताक्षर क्यों नहीं कर सकती ? हिमाचल प्रदेश सरकार ने भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिनियम की धारा 118 के अंतर्गत छूट इसलिए दी थी ताकि सेब के बाजार को बिचौलियों आरतियां की चुंगल से निकाल सके और सेब उत्पादक की सही कीमत मिल सके लेकिन यहां उल्टा हो रहा है सरकार इस बारे में सोचे। बागवानी मंत्री ने आश्वासन दिया कि नियमों की उल्लंघना पर उचित कार्रवाई होगी।

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