शिमला: हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने आज दिनाँक 22 जुलाई, 2024 को पूर्वाह्न 11:00 बजे हिमाचल प्रदेश विधान सभा सदन में एक विशेष समारोह के दौरान 3 नव निर्वाचित विधायकों को सदस्य पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में 10-देहरा से माननीय सदस्या कमलेश ठाकुर, 38- हमीरपुर से आशीष शर्मा तथा 51-नालागढ़ से हरदीप सिंह वाबा शामिल थे। गौरतलब है कि कमलेश ठाकुर माननीय मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू की धर्म पत्नी हैं। विधान सभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पति –पत्नी दोनों विधान सभा के सदस्य बने हैं। शपथ समारोह के दौरान हि0प्र0 के माननीय मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, काँग्रेस अध्यक्षा प्रतिभा सिंह, विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ0 कर्नल धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, ग्राम एंव निगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, , संसदीय सचिवगण, विधायकगण, राज्य वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर, पूर्व विधायक हरभजन सिंह भज्जी एवं तिलक राज शर्मा, जिलाधीश शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक जिला शिमला संजीव गांधी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा ने माननीय अध्यक्ष की अनुमति लेने के उपरान्त कार्यवाही का संचालन किया।
शपथ उपरान्त मिडिया को सम्बोधित करते हुए कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि आज नव निर्वाचित तीन माननीय सदस्यों ने विधान सभा सदस्य पद की शपथ ग्रहण की है तथा मैं इन सभी विधायकों को हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएँ देता हूँ। पठानियां ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ कि ये सभी अपना बहुमुल्य सहयोग मुझे देंगे तथा मैं इन्हें पूरा संरक्षण दूँगा। पठानियां ने कहा कि मैं अपेक्षा करता हूँ कि ये सभी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की उपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे तथा समर्पण की भावना से जनहित में कार्य करेंगे तथा अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान ढूँढने का प्रयास करेंगे।
आगामी मानसून सत्र के आयोजन से सम्बन्धित पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि मानसून सत्र 28 जुलाई से पहले आरम्भ करना संवैधानिक जिम्मेवारी है क्योंकि बजट सत्र 28 फरवरी को सम्पन्न हुआ था इसलिए छ: महीने से पूर्व सत्र का आयोजन करना अनिवार्य है। उन्होने कहा कि मानसून सत्र का आयोजन अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में किया जा सकता है।