2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को घेरने की रणनीति का सफर जो महागठबंधन ने (पाटलिपुत्र) पटना से शुरू किया है उसका अगला पड़ाव अब शिमला की बजाए बेंगलुरु है। एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने घोषणा की है कि 17 विपक्षी दलों के नेता 2024 के चुनावों की रणनीति बनाने की दूसरे दौर की बैठक 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। यह बैठक पहले हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होना प्रस्तावित थी। लेकिन स्थान उत्तर भारत से परिवर्तित करके दक्षिण भारत में तय किया गया है।

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि 17 विपक्षी दलों के नेता देश का संविधान और प्रजातंत्र को बचाने के लिए एक साथ चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के नेता व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था की सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी त्याग करने को तैयार है । देश बचाने के लिए कुछ सीटें छोड़ने पड़ती हैं तो हम सहर्ष छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष की एकता एक निरंतर प्रक्रिया है जो इसी तरह मजबूती से आगे बढ़ेगी। राहुल गांधी ने कहा था कि थोड़े मतभेद जरूर हैं लेकिन हम सब एक साथ आगे बढ़ेंगे ।

कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी इसी तरह के विचार पटना की बैठक के बाद रखे थे उन सबका कहना है कि देश पहले आता है राजनैतिक हित बाद में आते हैं। देश के संविधान व प्रजातंत्र को मोदी से खतरा है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम विपक्ष आगे आए और एक साथ 2024 का चुनाव एकजुटता से लड़े

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