मंडी लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत-हार के कई मायने थे। यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण नहीं थी कि यहां से बॉलीवुड की क्वीन कंगना  रणौत रामपुर बुशैहर के राजा विक्रमादित्य  से चुनाव लड़ रही थी।  वह तो मात्र लोगों व मीडिया के लिए आकर्षण व भाजपा-कांग्रेस के लिए एक प्रत्याशी थे। इस सीट पर वास्तव में नेता प्रतिपक्ष जय राम का राजनीतिक भविष्य दाव पर था। पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भाजपा 2021 से लेकर 26 फरवरी 2024 तक न केवल के चुनाव हारी अपितु विधानसभा के अंदर व बाहर कई बार फिसड्डी  साबित हुई।
                   जयराम के नेतृत्व में भाजपा की लगातार हार में पार्टी की अंतर्कलह भी एक कारण रहा है। लेकिन राजनीति में तो वही नेता होता है जो यह सब साधने की क्षमता रखता है। लेकिन जयराम की राजनीतिक रणनीति हर बार असफल होती रही । नवंबर 2021 में जयराम अपने गृह क्षेत्र मंडी के लोकसभा उपचुनाव व चार विधानसभा उपचुनाव में हार गए। उसके बाद तीन नवगठित नगर निगमों के चुनाव भी हारे। 2022 का विधानसभा चुनाव नेताहीन कांग्रेस  से हार गए ।नेता प्रतिपक्ष के किरदार को भी जय राम प्रभावशाली ढंग से नहीं निभा पा रहे थे।  लेकिन 27 फरवरी 2024 को 25 भाजपा विधायकों का नेतृत्व करते हुए जयराम ठाकुर ने 40 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी को राज्यसभा चुनाव में चित कर के पहली जीत का पहला स्वाद चखा। परंतु इस जीत  का स्वाद कुछ  घंटों  का ही रहा।  अगले दिन मनी बिल पारित के समय घटी घटना ने जय राम ठाकुर को राजनीतिक हाशिए पर बैठा दिया।  राजनीतिक पंडित व सियासी सोच रखने वाले लोग उन्हें राजनीति के बट्टे खाते में डालने लग पड़े। उनकी राजनीतिक मौलिकता ( विशिष्टता) पर खतरा मंडरा गया। विरोधियों ने कहना शुरू कर दिया था कि लोकसभा चुनाव के बाद जयराम की जय श्री राम हो जाएगी यनि राजनीति से  बेदखल हो जायेंगे।
                इस विकट परिस्थिति में भाजपा हाई  कमान ने कंगना रणौत को मंडी लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर नेता प्रतिपक्ष जय राम की अग्नि परीक्षा ले डाली।  कंगना चुनावी  पिच रन आउट होने  को उतारू थी और जय राम शतक जड़ने के लिए अडिग थे। जय राम ठाकुर चुनावी पिच पर गिरे जरूर परंतु मौलिकता  बनाए रखने की चाहत नहीं छोड़ी।  वास्तव में हर नेता के लिए मौलिकता बनाए रखने की सोच एक अक्षय ऊर्जा का स्रोत होती है। बहुत से नेता हर कदम पर मिल रही हार के कारण मौलिकता की चाह खो देते हैं और राजनीति के चित्रफलक की चौखाट से बाहर हो जाते हैं। कुछ दूसरे नेताओं की छत्रछाया के रंग में रंग जाते हैं। इक्का-दुक्का नेता ही दृढ़निश्चयी, अटल, अथक व संघर्षशील होते हैं, जो बार-बार हार जाने के बाद भी हार नहीं मानते हैं और अविचल आगे बढ़ते रहते हैं। जयराम ठाकुर भी ऐसे ही नेता हैं वह हार के बाद भी अविचल रहे  और मैदान में डटे रहे। विरोधियों व नेताओं, विशेष तौर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की टिप्पणियों व तंज पर ध्यान ना देते हुए निरंतर अपने पथ पर आगे बढ़ते रहे।
       दृढ़निश्चयी, अटल, अथक व संघर्षशील जयराम ने बहुत ही कमजोर व आत्मघाती भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत को बहुत ही सुलझी व सधी चलों से  कांग्रेस के सशक्त प्रत्याशी विक्रमादित्य को भारी मतांतर से हराकर अपने विरोधियों व सत्ता पक्ष के तंजों  का करारा जवाब दिया । उन्होंने हाई कमान की अग्नि परीक्षा को भी सुरक्षित लांघ दिया है । जयराम मंडी की जीत के बाद एक सशक्त व सुलझे हुए नेता बनकर उभरे हैं लेकिन इस उभार को उन्हे शिखर मानने की भूल नहीं करनी होगी।  अगर उन्होंने 2022 में मंडी संसदीय क्षेत्र से 13 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की  थी तो 14 महीने बाद 14 सीटों पर जीत दर्ज करवाई और समूचे हिमाचल में 61 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता पक्ष को करारा जवाब दिया है।
                  आने वाले समय में हिमाचल की राजनीति बहुत दिलचस्प होने वाली है । जयराम के नेतृत्व में विपक्ष सत्ता पक्ष से कड़े सवाल पूछेगा । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेशक विधानसभा उपचुनाव में  छह में से चार जीतकर अपनी सरकार को मजबूत कर लिया है ।परंतु आगे की चुनौतियां उनके लिए कठिन है। जो दो सीटें  कांग्रेस ने भाजपा को हारी हैं वह जयराम के लिए बहुत बड़ी राजनीतिक जीत है।  इंद्र दत्त लखनपाल व सुधीर शर्मा बहुत ही सधे व संभले हुए राजनीतिज्ञ हैं। यह दोनो भाजपा के भीतरघात और सत्ता पक्ष के संघाती प्रहारों के बावजूद  चुनाव जीत कर हाथ में कमल लेकर विधानसभा में बैठेंगे और जयराम के नेतृत्व में सत्ता पक्ष को घेरेंगे। इन्हें विकाऊ व भ्रष्टाचारी कहकर ज्यादा देर  तक चुप नहीं बिठाया जा सकता है। इंद्र व सुधीर मुख्य मंत्री पर तीखा हमला करेंगे। लोकसभा 2024 चुनाव और विधानसभा उपचुनाव जय राम के लिए अक्षय ऊर्जा साबित हुए हैं । उनके विरोधी खामोश और समर्थक जय राम के जयकारे  लगा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *