2024 के लोकसभा चुनाव को मद्देनजर व कुछ प्रदेशाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा होने के कारण भाजपा ने संगठन में भारी फेरबदल की तैयारी कर ली है। पंजाब तेलंगाना और झारखंड समेत 4 राज्यों के अध्यक्ष बदल दिए हैं । अगली सूची में 6 राज्यों के प्रदेशाध्यक्षों को बदलने की तैयारी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आलाकमान से बातचीत कर अगले दो-तीन दिनों में मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक व केरला के प्रदेश अध्यक्षों को बदलने की तैयारी में हैं। इन राज्यों के अध्यक्षों को बदलने और वर्तमान अध्यक्षों की नई नियुक्तियों पर दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में गहन मंथन हो रहा है। प्रदेशाध्यक्ष का पद छोड़ने वाले अध्यक्षों को मोदी मंत्रिमंडल राष्ट्रीय या संगठन में जगह मिल सकती है।
सबसे ज्यादा चर्चा गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील व विधानसभा चुनावों में जा रहे मध्यप्रदेश के अध्यक्ष वी डी शर्मा को लेकर हो रही है। गुजरात के प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद लोगों में से हैं। वह गुजरात से नवसारी सीट से लोकसभा सदस्य हैं। पाटिल ने 2014 में पहली बार इस सीट को जीता और 2019 में उन्होंने इस सीट को रिकॉर्ड 600000 मतों से कांग्रेस के उम्मीदवार से जीता है। पाटिल क्योंकि लोकसभा सदस्य हैं इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चाएं ज्यादा हैं। उनके संगठनात्मक अनुभव व कार्य करने की क्षमता और कौशल को देखते हुए उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण पद देने के लिए गंभीरता से आलाकमान सोच रही है। सीआर पाटील का प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल इसी जुलाई में पूरा हो रहा है।
शिवराज, महाराज व नाराज की राजनीति में उलझा मध्य प्रदेश
जल्द ही विधानसभा चुनाव में जा रहे मध्य प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा को मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री की जगह मिलने की चर्चाएं हैं। वी डी शर्मा मध्य प्रदेश की खुजुराहो लोकसभा सीट से सांसद हैं और उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला हो चुका है परंतु उनका उत्तराधिकारी चुनने में समय लग रहा है। मध्य प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नामों पर हाईकमान गहन चर्चा कर रही है। मध्य प्रदेश के चुनाव अगले कुछ महीनों में होना तय है। वहां पर भाजपा कमजोर स्थिति में है इसलिए आलाकमान जातीय ,क्षेत्रीय, आदिवासी व सियासी पहलुओं को बड़े गौर से छान रही है। मध्य प्रदेश में भाजपा की राजनीति शिवराज, नाराज व महाराज में उलझी हुई इसलिए भाजपा हाईकमान इन तीनों गुत्थियों को सुलझाने की कसरत कर रही है।
मध्यप्रदेश में ठेठ भाजपा कार्यकर्ता व नेताओं का एक तबका कांग्रेस से आए विधायकों व कार्यकर्ताओं से काफी नाराज है। इनकी नाराजगी इस कदर है की अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया की फौज को विधानसभा चुनाव में जगह मिलती है तो यह कट्टर भाजपा नेता व कार्यकर्ता विरोध की कटार लेकर भाजपा का गला काटने में बिल्कुल नहीं हिचकिचाएंगे । भाजपा इस तरह के विद्रोह का सामना हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक में कर चुकी है और दोनों जगह बागियों के चलते जीती बाजी हार गई है। इसलिए वह मध्यप्रदेश में फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं।
मोदी मंत्रिमंडल में बदलाव की तैयारी ।
संगठन के बदलाव के साथ-साथ मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाओं को भी जमीन पर उतारने की तैयारी हो रही है। भाजपा ने जी किशन रेड्डी, जो मोदी मंत्रिमंडल में पर्यटन मंत्री हैं, को तेलंगाना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अब वह अपना मंत्रिमंडल का पद छोड़ेंगे तो वह पद भी खाली होगा। मोदी मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजे जाने की पुख्ता खबरें हैं। अतः उनके स्थानों को नए लोगों से भरा जाएगा और साथ ही कुछ नए सियासी गठजोड़ भी बन रहे हैं। एनसीपी अजीत पवार लोकसभा में अपने सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात रखेगा इसके अलावा भाजपा अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से भी लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की तैयारी में है। यह सब राजनीतिक परिस्थितियां मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की जमीन तैयार कर रही हैं।

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