पांच गुटों में बंटी हुई है प्रदेश भाजपा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते कल प्रदेश भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि पांच गुटों में बंटी भाजपा अपने अस्तित्व को बचाने पर राजनीति को चमकाने के लिए निरंतर झूठ बोल रही है भाजपा का कोरा झूठ हिमाचल व हिमाचल वासियों के गौरव को ठेस पहुंचा रहा है जो किसी भी कीमत पर सहनीय नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा की वर्तमान में प्रदेश भाजपा मैं गुटबाजी चरम पर है। हिमाचल प्रदेश में इस समय नड्डा भाजपा, जयराम भाजपा, अनुराग भाजपा, बिंदल भाजपा और आयातित भाजपा में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है
गुटों के नेता और अपनी-अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए पिछले कई महीनो से देश भर में हिमाचल व हिमाचलियों के बारे कोरा झूठ बोल कर उनकी मान- प्रतिष्ठा को धक्का लगाया।बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश के बारे में लगातार झूठ बोला और प्रदेश वासियों की दुनिया भर में जग हंसाई की।
भाजपा का पहला झूठ है कि हिमाचल सरकार ने सरकारी कर्मचारी की ओपीएस बाहल नहीं की है जबकि सच यह है कि कांग्रेस की सरकार ने अपने फायदे के अनुरूप अपने पहले मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश की 130000 से अधिक कर्मचारीयों की पुरानी पेंशन को बाहल कर दिया है और पहले से हुए हजारों रिटायर्ड कर्मचारी इसका लाभ उठा रहे हैं ।
भाजपा ने दूसरा झूठ बोला है की प्रदेश सरकार ने राज्य में टॉयलेट टैक्स लगाया है जबकि सच यह है कि भाजपा की जय राम ठाकुर की सरकार ने ₹200 सीवरेज टैक्स लगाया था।
भाजपा का तीसरा झूठ है कि राज्य सरकार ने 100000 से ऊपर आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है जबकि सत्य यह है की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के युवाओं को शोषण की भट्ठी से निकाल कर नियमित व सम्मानजनक रोजगार देने के लिए शिक्षा, जलशक्ति , वन व अन्य विभागों में 35000 से अधिक सृजित किए हैं और उनकी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी है
भाजपा का चौथा बड़ा झूठ है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई विशेष आर्थिक मदद को प्रभावित लोगों तक ठीक से नहीं पहुंचा। जबकि सत्य यह है कि केंद्र सरकार के विशेष राहत आर्थिक पैकेज के बिना, अपने सीमित संसाधनों का कुशल प्रबंधन करके आपदा प्रभावित लोगों को राहत मैनुअल में खींची लकीरों को फांदकर उचित, समुचित व सम्मानजनक राहत राशि देने का काम किया। सरकार के इस कदम को देश विदेश के लोगों व संस्थाओं द्वारा सराहा गया है।
भाजपा का पांचवां बड़ा झूठ कि कांग्रेस सरकार ने अपनी 10 गारंटी जो चुनाव के वक्त लोगों को दी थी पूरा नहीं किया जबकि सत्य यह है की सरकार ने अपने वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट मीटिंग में राज्य के 130000 से अधिक कर्मचारी की ओल्ड पेंशन स्कीम बाहल की, बागवानों आढ़तियों के शोषण से मुक्त करवाने के लिए टेलीस्कोपिक कार्टन की प्रथा को खत्म कर स्टैंडर्ड कार्टन में सेब खरीदने के लिए विवश किया जिससे बागवानों को उनकी मेहनत व फसल उचित दाम मिला।गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 800 इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी में उल्लेखनीय 60 रुपये की वृद्धि की है जिससे अब दिहाड़ी 240 से बढ़कर 300 रुपये हो गई है। वर्तमान राज्य सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में 1.36 लाख कर्मचारियों की ओपीएस की मांग को पूरा किया। गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 45 रुपये तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 55 रुपये किया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रही है।