
धर्मशाला के पूर्व विधायक, मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता किशन कपूर का गत दिवस निधन हो गया। वह भाजपा के उन नेताओं में से थे, जिन्होंने 1993 की भाजपा विरोधी सुनामी में भी अपनी सीट बचाने में सफलता प्राप्त की थी। कपूर ने भारतीय राजनीति में अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई।
1990 में जब शांता कुमार की सरकार को विपक्षी आक्रोश और विरोध का सामना करना पड़ा था, तब भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। 1993 के मध्यावधि चुनाव में भी, जबकि भाजपा केवल 8 सीटें ही जीत पाई थीं, कपूर धर्मशाला से पुनः विजयी हुए थे।
किशन कपूर ने भाजपा में विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांगड़ा सीट से 72 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सांसद चुने गए। यह मार्जिन पूरे देश में दूसरे स्थान पर था। उनका यह योगदान पार्टी के लिए अमूल्य रहा।
उनकी कड़ी मेहनत, निष्ठा और सशक्त नेतृत्व ने उन्हें कांगड़ा और हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत आधार प्रदान किया।किशन कपूर का 73 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनकी उपलब्धियों और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा। पूर्व मंत्री किशन कपूर को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि, और हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह उन्हें शांति प्रदान करें तथा उनके परिवार और समर्थकों को इस दुख को सहने की शक्ति दें।