2013-14 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने लगभग  100 स्कूलों में व्यवसायिक  शिक्षा का पाठ्यक्रम शुरू किया था। विगत 10 बर्षों में शिक्षा विभाग  ने 2100 स्कूलों को व्यवसायिक से जोड़ दिया है और वर्तमान में 154 और स्कूलों को व्यवसायिक  शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। विगत बर्षों में सरकारों ने व्यवसायिक शिक्षा महत्व  तो जाना परन्तु शिक्षा देने वाले शिक्षकों के लिए  कोई  नीति बनाने पर गौर  नहीं किया । व्यवसायिक  शिक्षक व शिक्षिकाएं निरंतर  सरकार  से नीति बनाने की गुहार  लगा रहे हैं व्यवसायिक  शिक्षक  संघ के लोगों का कहना कि विगत सरकार  से वह अपनी बात  25 बार रख चुके हैं परन हर आश्वासन ही मिला है।

       हिमाचल प्रेदश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत व्यवसायिक शिक्षक अपना काम  बखूबी कर रहे हैं यही कारण  है कि हिमाचल प्रदेश इसमे देशभर  मे अव्वल  है।सोमवार को स्थाई नीति बनाने की मांग को लेकर सचिवालय पहुंचे ।  व्यवसायिक  शिक्षकों ने सरकार से जल्द से जल्द उनके लिए पॉलिसी  बनाने की गुहार लगाई । व्यवसाहिक शिक्षकों का कहना है कि  वे  लंबे समय से शिक्षा विभाग में  सेवाएं दे रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा कोई भी उनके लिए पॉलिसी नही बनाई जा रही है जबकि कई बार मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री से मिले है और उन्हें केवल आश्वासन ही दिए जा रहे है।

व्यवसाहिक शिक्षक संघ के नेता हुक्म चन्द का कहना है कि प्रदेश भर में 2100 के करीब व्यवसाहिक शिक्षक है जिनका लंबे समय से शोषण हो रहा है। पूर्व सरकार के समय भी 25 बार मुख्यमंत्री ओर शिक्षा मंत्री से मिले लेकिन उन्हें झूठे आश्वसन दिया है। लेकिन कोई नीति नही बनाई । अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार  आई है।ऐसे में इस सरकार से उनके लिए पॉलिसी बनाने की उम्मीद है और आज  मुख्यमंत्री से मिल कर जल्द से जल्द पॉलिसी बनाने की मांग की जाएगी।

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