मात्र 5 वर्ष में ही 5200 से 54994.4मैगावाट की बना दी एसजेवीएन की समस्त परियोजना ।
एमपीएस राणा
नंदलाल शर्मा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन अपने बचपन से अच्छी शिक्षा की तलाश में कठिनतम डगर पर चले और जीवन निर्माण की नई पगडंडियों को संवारते हुए नए-नए शिखरों को पाया। बचपन में उनकी आंखों में कोरे सपने ही नहीं थे बल्कि किरकिराता सच भी था। नंदलाल शर्मा का घर तीन जिलों की सीमा पर स्थित है। इस भौगोलिक परिस्थिति के चलते क्षेत्र के विकास में धीमी गति रही। पढ़ने लिखने की सुविधा घर के आसपास नहीं थी। इसलिए अपनी प्राथमिक शिक्षा अर्जित करने के लिए उन्हें ऊना जिले की कोहडरा पाठशाला और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए हायर सेकेंडरी स्कूल शातलाई व हायर सेकेंडरी स्कूल लठयाणी की ओर रुख किया । घर से शातलाई जाने का मार्ग पैदल था। रास्ते में तीखी उतराई व चढ़ाई थी जो 10-12 साल के बच्चे के लिए असंभव लगती थी । परंतु नंदलाल शर्मा ने इस जटिल चुनौती से लोहा लिया। वह जानते थे की विचारों के खुले आसमान पर कल्पना का इंद्रधनुष टांगना है तो संघर्ष को आमंत्रित करना पड़ेगा और उन्होंने किया। नंदलाल ने विषमताओं व अवरोधों के अंबार पर चढ़ना पसंद किया और जीवन के शिखर पर जा बैठे। नंदलाल ने राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की और हिमाचल प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर काम किया।
2008 में नंद लाल शर्मा एसजेवीएन में कार्यकारी निदेशक (एचआर) के रूप में शामिल हुए। उन्हें निदेशक (कार्मिक) एसजेवीएन के रूप में चुना गया और उन्होंने 22 मार्च, 2011 से नवंबर 2017 तक इस पद पर कार्य किया। मानव संसाधन में उनके कार्यकाल में विभिन्न मानव संसाधन पहलों की अवधारणा प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन हुई। उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण के तहत शुरू किए गए मानव संसाधन हस्तक्षेप ने एसजेवीएन के उत्कृष्ट प्रदर्शन और इसकी व्यावसायिक योजना के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने एसजेवीएन फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया और कंपनी की सीएसआर गतिविधियों की योजना और निष्पादन की देखरेख की। उन्होंने इस दृढ़ विश्वास के साथ नेतृत्व किया कि किसी संगठन का विकास वास्तव में तभी सार्थक होता है जब उसे समाज के साथ सांझा किया जाए । शर्मा ने सीएसआर फाउंडेशन का मार्गदर्शन करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नंद लाल शर्मा ने दिसंबर 2017 में एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने एसजेवीएन को भारत और विदेशों में तेजी से विकास की ओर अग्रसर किया है और वर्तमान में कंपनी के कुल परियोजना पोर्टफोलियो को 5200 मेगावाट से बढ़ाकर 56994.4 मेगावाट कर दिया है। उनके नेतृत्व ने कंपनी को हाइड्रो, थर्मल, सोलर, विंड, ट्रांसमिशन, कंसल्टेंसी और पावर ट्रेडिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विकास में मदद की।
प्रशासन और विद्युत क्षेत्र में 34 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, नंदलाल शर्मा में चुनौतियों को अवसरों में बदलने की क्षमता उनके स्वभाव में है । नंद लाल शर्मा ने प्रारंभिक 6 महीने के कालखंड में एसजेवीएन के लिए एक सकारात्मक व यथार्थ से परिपूर्ण संकल्पना की। शर्मा ने 24 मई 2018 को एसजेवीएन के 31वें स्थापना दिवस पर, 2023 तक 5000 मेगावाट, 2025 तक 12,000 मेगावाट और 2040 तक 25,000 मेगावाट के परिलक्षित दृष्टिकोण सांझा किया और इस लक्ष्य की प्राप्ति का आवाह्न किया। इस संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए सधे कदम भरे।
अगले तीन वर्षों के दौरान, कंपनी के व्यवसायिक विकास ने गति पकड़ी और तेजी से प्रगति की। एसजेवीएन के बढ़ते पोर्टफोलियो के कारण 2018 में सांझा किए विज़न में संशोधन की आवश्यकता पड़ी। 26 जनवरी 2022 को, साझा विज़न को 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और 2040 तक 50000 मेगावाट तक उन्नयन किया गया है। यह संशोधन इसके पोर्टफोलियो में भारत और विदेश में कई परियोजनाओं को शामिल करने और मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन और कार्यान्वयन की पहले से ही स्थापित प्रतिष्ठा के परिणामस्वरूप हुआ है।
शर्मा द्वारा परिकल्पित नवीन कार्यक्रमों की श्रृंखला के बहुत ही उम्दा व बेजोड़ कार्यक्रम है ‘प्रबंधन-कर्मचारी कनेक्ट कार्यक्रम’ और ‘दृष्टि कार्यक्रम व कॉन्क्लेव’ हैं। इन उम्दा पहलों के पीछे शर्मा की मंशा रही कि एसजेेवीएन व उसकी (सिस्टर) सहयोगी संस्थानों के कर्मचारियों को 2026 के 12000 मेगावाट और 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी के परिलक्षित विजन को प्राप्त करने के लिए प्रेरित और सक्रिय करना।
लीक से हट कर पहल के रूप में, नंद लाल शर्मा ने समाज के हाशिये पर पड़े वर्ग तक पहुंचने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में अभिनव अवधारणा “सौहार्द” – माई सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एमएसआर)’ की शुरुआत की। मेरी सामाजिक जिम्मेदारी आर्थिक विकास और समाज के कमजोर वर्ग के कल्याण के बीच संतुलन बनाने में योगदान देने का एक परोपकारी प्रयास है। उन्होंने कर्मचारियों को एसजेवीएन में विभिन्न ठेकेदारों द्वारा तैनात कम आय वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को स्वेच्छा से आवश्यक वस्तुएं दान करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उनके दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, एसजेवीएन की परियोजनाओं और इकाइयों ने भी एमएसआर को अपनाया और आस-पास के कमजोर लोगों की मदद के लिए सौहार्द का आयोजन कर रहे हैं।
12 जनवरी 2024 को, उनके नेतृत्व में की गई मानव संसाधन पहल के अंतर्गत एक बड़ी उपलब्धि में, एसजेवीएन को ग्रेट प्लेस टू वर्क™, भारत द्वारा ग्रेट प्लेस टू वर्क के रूप में प्रमाणित किया गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सकारात्मक और सहायक कार्य वातावरण को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
प्रशासन और विद्युत के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान की मान्यता व सम्मान में नंद लाल शर्मा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें डॉ. वाई.एस. परमार विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा यह बिजली उत्पादन और प्रशासन के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान को रेखांकित करता है, जिससे उद्योग में एक अग्रणी दिग्गज के रूप में उनकी स्थिति मजबूत होती है। नेपाल सरकार ने नेपाल में हाइड्रो पावर के विकास और भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके अथक प्रयासों के लिए उन्हें दो बार सम्मानित किया । इन वर्षों में, उन्हें कई सम्मान व पुरस्कार प्राप्त हुए ; ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा अग्रणी निदेशक पुरस्कार 2023′, जल, बिजली और आरई क्षेत्र के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘सीबीआईपी व्यक्तिगत पुरस्कार’, ईटी नाउ द्वारा ‘एचआर ओरिएंटेशन अवार्ड के साथ प्रतिष्ठित सीईओ’; वर्ष 2020 और 2021 में एसजेवीएन को सबसे कुशल और लाभदायक मिनी रत्न कंपनी बनाने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल द्वारा ‘पीएसयू अवार्ड ऑफ द ईयर’; ग्लोबल सीएसआर एक्सीलेंस एंड लीडरशिप अवार्ड्स द्वारा ‘सीईओ ऑफ द ईयर अवार्ड’; हिमाचल प्रदेश की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रवर्तकों द्वारा ‘हिम रतन पुरस्कार’ कुछ नाम हैं। एक पुरस्कार का नाम अभी बाकी है जिसे नंदलाल के नाम से जुड़ना है वह है पद्मविभूषण /पद्मश्री। यह हिमाचल प्रदेश के लोगों की इच्छा है और नंदलाल शर्मा की योग्यता।