80 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा 1.20 किलोमीटर लंबा एरियल रोपवे ।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुल्लू जिले में पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक 80 करोड़ रुपये की लागत से 1.20 किलोमीटर लंबा एरियल रोपवे बनाने की मंजूरी दी है। यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और साहसिक खेलों के अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

फोटो इंटरनेट से ली गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश में विश्व स्तरीय पर्यटन अधोसंरचना के विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने कुल्लू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुल्लू बस अड्डे से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एरियल रोपवे के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है।
यह एरियल रोपवे परियोजना कुल्लू जिला स्थित पीज गांव तक पहुंचने के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। पीज गांव, जो कि सड़क मार्ग से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, हिमाचल प्रदेश के एक रमणीय और अद्वितीय सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्र है। इस रोपवे के निर्माण से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिलेगा।

इससे न केवल पर्यटकों के लिए यात्रा सरल होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा।रोपवे की लंबाई 1.20 किलोमीटर होगी, और इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक पहुंचना आसान होगा।
पीज गांव पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों के लिए एक आदर्श स्थल बन जाएगा, जो नवोदित और अनुभवी पैराग्लाइडरों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। इस पहल से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, क्योंकि साहसिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे।
राज्य सरकार इस परियोजना के माध्यम से साहसिक, धार्मिक और जल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है, ताकि पर्यटकों को प्राकृतिक और अनछुए गंतव्य स्थलों का अनुभव मिल सके, और प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है, और सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार के ठोस प्रयासों के कारण, राज्य में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है।
हर वर्ष लगभग दो करोड़ सैलानी राज्य में आते हैं, जिससे हिमाचल प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र पहले से अधिक गुलजार हो रहा है।यह परियोजना पर्यटन क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगी।