“खड़गे ने कहा “प्रदेशों में फैली अंतर्कलह जब तक रोकी नहीं जाती पार्टी अपने विरोधियों का मुकाबला नहीं कर सकती है। उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की हार का मुख्य कारणों में से एक पार्टी में गुटबाजी करार दिया। अनुकूल माहौल जीत की गारंटी नहीं है अनुकूल परिस्थितियों को भुनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं का मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक सतर्क रहना होगा'”।
मोहिंद्र प्रताप सिंह राणा
अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद हरियाणा और महाराष्ट्र में लगातार चुनावी पराजय का सामना कर रही कांग्रेस की शीर्ष संस्था सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्यसमिति) की बैठक शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक से पहले मीडिया, सोशल मीडिया और राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग अटकलें लगा रहे थे कि कांग्रेस, बैलट पेपर से चुनाव कराने के मुद्दे पर चर्चा करेगी और कोई ठोस प्रस्ताव पारित करेगी। हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे से दूरी बनाए रखी।
चुनाव प्रक्रिया पर गहरी चिंता
कांग्रेस कार्यसमिति ने बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि वर्तमान चुनावी प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं। हालांकि, ईवीएम के मुद्दे पर पार्टी के अंदर मतभेद के चलते बैलट पेपर की वापसी की मांग पर चुप्पी साधी गई। बैठक के बाद पार्टी ने घोषणा की कि वह भारत के निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सार्वजनिक चिंताओं को लेकर राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करेगी। प्रस्ताव में कहा गया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक संवैधानिक अधिकार है, लेकिन पक्षपातपूर्ण प्रक्रिया इसे गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन के जरिए जनता को जागरूक किया जाएगा।
पार्टी अध्यक्ष खड़गे का आह्वान: संगठनात्मक मजबूती पर ध्यान दें।
पांच घंटे चली इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की कमजोरियों पर आत्ममंथन किया। उन्होंने कहा कि चुनावी तैयारी एक वर्ष पहले ही शुरू करनी चाहिए, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य मतदाता सूचियों की जांच है ताकि पार्टी के समर्थकों के नाम सूची में सुनिश्चित किए जा सकें।
पार्टी अध्यक्ष राज्यों में लगातार हार से राष्ट्रीय नेतृत्व को दोषी ठहराए जाने से बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में स्थानीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान रखते हुए चुनाव अभियान को तैयार किया जाना चाहिए । उन्होंने पूछा कि आप कब तक राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं की मदद से चुनाव लड़ेंगे? खड़गे ने कहा प्रदेशों में फैली अंतर्कलह जब तक रोकी नहीं जाती पार्टी अपने विरोधियों का मुकाबला नहीं कर सकती है। उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की हार का मुख्य कारणों में से एक पार्टी में गुटबाजी करार दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि अनुकूल माहौल जीत की गारंटी नहीं है अनुकूल परिस्थितियों को भुनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं का मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक सतर्क रहना होगा।
सीडब्ल्यूसी की बैठक द्वारा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश की इकाइयों व नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें अपनी महत्वाकांक्षाओं पर रोक लगाकर पार्टी हित में काम करने की मानसिकता पर काम करना होगा। कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पहले ही कई अवसरों इस बात को कह चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में सीडब्ल्यूसी का संदेश
सीडब्ल्यूसी के इस रवैया का प्रभाव हिमाचल प्रदेश की कार्यकारिणी के गठन पर स्वाभाविक रूप से पड़ेगा । जो नेता लगातार सरकार व पार्टी के नेताओं पर मीडिया व सोशल मीडिया में टिप्पणी करते हैं उन्हें पार्टी में जगह मिलना मुश्किल नजर आ रही है। खड़गे ने स्पष्ट संदेश दिया है, नेताओं को जमीन पर कार्य करना होगा दफ्तर में बैठने वाले नेता घर पर बैठ जाएं।
दिल्ली के संपर्कों पर उछलने वाले या विरासत की वसीयत लेकर घूमने वाले नेताओं को अब जमीन पर पसीना बहाना पड़ेगा। पार्टी अध्यक्ष खड़गे अगर अपनी बात पर गंभीर हैं, जो नजर भी आ रहा है, तो हिमाचल प्रदेश की कार्यकारिणी के गठन में अभी थोड़ा वक्त लग सकता क्योंकि अब हाईकमान पैरवी पर नहीं पसीना बहाने वाले दांव खेलेगी।