राजघरानों के दबदबे वाली सीट पर भाजपा का बालीवुड क्वीन का दांव

                             भाजपा ने मंडी संसदीय सीट पर बॉलीवुड क्वीन को मैदान में उतारा है। स्वतंत्रता के बाद आमतौर पर मण्डी संसदीय क्षेत्र पर राजघरानों का प्रभुत्व रहा है लेकिन कई बार धरती पुत्रों गंगा सिंह, पण्डित सुखराम और राम स्वरुप ने  राजा-रानियों को सिकसत दे कर आम जन का परचम लहराया है। आजाद भारत के प्रथम लोकसभा चुनाव में मंडी संसदीय चुनाव क्षेत्र से पटियाला की रानी अमृत कौर और गोपी राम आरक्षित उम्मीदवार  के रूप में कोंग्रेस ने मैदान में उतारा दोनों ने  सीटें जीतीं। सनद रहे 1952 के चुनाव में  आरक्षित सीट अलग नहीं होती थीं सामान्य   (general) वर्ग की सीट से ही आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को भी चुनाव लड़ाया गया था।

1952 से 1975 तक मंडी संसदीय सीट पर पटियाला की रानी अमृत कौर जो स्वतंत्र भारत की प्रथम  health Minister भी रही, मण्डी  के राजा जोगिंदर सिंह सेन, सुकेत के राजा ललित सेन, रामपुर बुशैहर के राजा  वीरभद्र सिंह सांसद रहे । लेकिन 1977 में धरतीपुत्र गंगा सिंह ने रामपुर बुशैहर के राजा को मात दी और आम आदमी को यहां से सांसद होने का गौरव प्रदान किया। 1979 से 84 तक एक बार फिर मंडी संसदीय क्षेत्र रॉयल परिवार के हाथों में चला गया लेकिन 84 से 96 तक मंडी के धरतीपुत्र सुखराम ने मंडी संसदीय सीट पर कब्जा रखा 1998 से लेकर 2014 तक राजवाड़ा परिवारों का वर्चस्व मंडी संसदीय क्षेत्र में रहा लेकिन 2014 में धरतीपुत्र रामस्वरूप ने राजशाही दबदबे को खत्म कर लोकसभा पहुंचे। रामस्वरूप के अचानक मृत्यु ने पुनः राज परिवार को मंडी लोक सभा सीट से जीत हासिल करने का अवसर मिला

बेबाक कंगना से बीजेपी को फायदा या नुकसान !

मंडी संसदीय क्षेत्र से राजा रानियां की लोकसभा जाने की गाथा जो पटियाला की रानी अमृत कौर से 1952 में शुरू की थी वह 2024 में बॉलीवुड की क्वीन कंगना रानाउत तक पहुंच गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बालीवुड की क्वीन कंगना रनौत का मुकाबला राजमाता या किसी धरतीपुत्र से होता है यह अभी कुछ दिनों में तय होगा । लेकिन निश्चित तौर पर 2024 का मण्डी लोकसभा  चुनाव का मुकाबला दिलचस्प होगा। इसका एक कारण यह भी है कि कंगना बेबाक टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध हैं। कंगना ने पद्मश्री पुरस्कार मिलने से पहले भारत की आजादी को लेकर दो बहुत ही अदक्षता पूर्ण  टिप्पणियां की थीं । कंगना ने कहा था कि भारत  को 1947 की आजादी भीख में मिली थी असली आज़ादी तो 2014 में मिली। इसके अलावा कंगना ने अपनी बॉलीवुड बिरादरी के लोगों को लेकर भी कई ऐसी टिप्पणी जिनके चलते वह सुर्ख़ियों में रही है। कंगना की यह बेबाकी चुनावी राजनीति में उनके लिए और भाजपा आत्मघाती  हो सकती हैं।

फिल्म जगत की सनसनी कंगना रनाउत फिलहाल भाजपा के लिए फायदे का दांव नजर आ रहा है। लोग कंगना को देखने खूब आ रहे हैं। जहां भी कंगना जा रही हैं भीड़ इकट्ठी हो रही है क्या यह भीड़ वोट में बदलती है कि यह आने वाला वक्त बतायेगा। 2019 में भी आश्रय शर्मा के  चुनाव प्रचार में आए सलमान खान को देखने जमकर लोग जमा हुए लेकिन वोट में एक प्रतिशत भी नहीं बदले।

       कंगना के सामने चुनौतियां

कंगना राजनीति में अभी नौसिखिया है और उसके चुनाव प्रबंधन की टीम ने भी अभी तक राजनीतिक परिपक्वता का उदाहरण पेश नहीं किया है । मंडी लोकसभा संसदीय चुनाव क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से बहुत कठिन एरिया है। इस क्षेत्र में पांगी, भरमौर, किन्नौर लाहौल स्पीति,कुल्लू और मंडी के चौहार घाटी सिराज नाचन जैसे क्षेत्र हैं । इन क्षेत्रों के लोगों को समझने और समझाने के लिए वैयक्तिक तौर पर लोगों से मिलना होगा। लोग भी बॉलीवुड की सनसनी से मिलने के इच्छुक हैं और अगर उनकी यह इच्छा पूरी ना हुई तो भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है और मिलने के बाद आचार व्यवहार उनके अनुसार नहीं हुआ तो भी नुकसान होगा।

आपदा में कंगना की अनुपस्थित भी एक मुद्दा है।

जुलाई अगस्त 2022 में आई भयंकर आपदा ने  जो जख्म मंडी, कुल्लू, किन्नौर, लाहुल स्पीति  पांगी भरमौर के लोगों को दिए हैं वह वक्त के साथ अब हरे हो रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने उन जख्मों पर मर्म लगाई है वह अभी तक उन्हें ठंडक पहुंचा रही है और वह लोग मन से उनके शुक्रगुजार हैं। आपदा की इस घड़ी में कंगना रनौत से जो प्रभावित लोगों को उम्मीदें थी उसे पर वह खरी नहीं उतर पाई। जैसे-जैसे चुनाव प्रसार परवान चढ़ेगा वैसे-वैसे लोगों को कंगना की यह अनुपस्थित अखरेगी  लोग प्रश्न भी करेंगे,और अगर लोग भूल भी गए तो उसका मुकाबिल उन्हे इस मुश्किल पल में उसकी अनुपस्थित की याद करवाएगा। मण्डी संसदीय चुनाव क्षेत्र में आपदा में सरकार और भाजपा की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि हिमाचल प्रदेश  में लोक सभा चुनाव में प्रत्याशी की अपनी छवि उसका विगत बर्षो में लोगों के साथ  आचार व्यवहार  कैसा रहा है मैटर करेगा। राष्ट्रीय मुद्दे व नेतृत्व  दुसरे स्थान पर रहेंगे।

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